उत्तम स्वास्थ्य के लिए उपवास का महत्व
शरीर की शुद्धि के लिए उपवास से बढ़कर कोई अन्य विधि नहीं है। उपवास ना केवल आध्यात्मिक दृष्टी से लाभकारी है, अपितु शरीर को स्वस्थ और निरोगी बनाय रखने में सहायक है। उपवास तन और मन दोनों की लिए उपयोगी है।
उपवास से शरीर की शक्ति आंतरिक शुद्धि में लग जाती है, और हमारे आंतरिक यंत्रों को आराम मिलता है।
वर्तमान की भाग दौड़, जंक-फ़ूड, समय-असमय भोजन करना से तन रूपी मशीनरी ख़राब स्थिति में आ जाती है।इस मशीन को विश्राम व्रत के रूप में दे सकते है।
जिस प्रकार रात को सो-कर हम अपने तन को आराम देते है, उसी प्रकार आंतरिक मशीन को विश्राम व्रत के रूप में दे सकते है।
हमें भोजन तभी करना चाहिए जब हमें भूख हो। जबरदस्ती खाये भोजन से लाभ कम हानि अधिक होती है।
शरीर की छोटी छोटी बीमारियाँ उपवास से ठीक हो जाती है, जैसे सिर दर्द, पेट-दर्द, अपच, ज़ुकाम, सर्दी आदि ।
पंद्रह दिन में 1 दिन (एकादशी) रखा गया उपवास आंतरिक अंगों को आराम देता है, आपको स्वास्थ्य लाभ देता है।
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