गर्मी के प्रभाव से सुरक्षा हेतु - प्रकृति के उपहार
नारियल पानी :- नारियल का पानी पित्तशामक, स्वादिष्ट, स्निग्ध और ताजगी प्रदान करनेवाला है | यह प्यास को शांत कर ग्रीष्म ऋतू की उष्णता से सुरक्षा करता है | अत: गर्मियों में नारियल पानी का सेवन विशेष लाभदायी हैं ।
प्रतिदिन नारियल खाने व नारियल पानी पीने से शारीरिक शक्ति का विकास होता है, वीर्य की तेजी से वृद्धि होती है । (अष्टमी को नारियल न खायें )
मूत्र में जलन होने पर पिसा हरा धनिया तथा मिश्री नारियल पानी में मिला के पीने से जलन दूर होती है ।
खीरा :- खीरा शरीर को शीतलता प्रदान करता है । इसमें बड़ी मात्रा में पानी और खनिज तत्त्व पाये जाते हैं ।
अधिक पढने - लिखने, चित्रकला, संगणक व सिलाई का काम करने से आँखों में थकावट होने पर खीरे के दुकड़े काटकर आँखों पर रखें । इससे उनको आराम मिलता है तथा थकावट दूर होती है ।
नींबू और खीरे का रस मिलाकर लगाने से धूप से झुलसी हुई त्वचा ठीक होती है ।
तरबूज :- ग्रीष्म ऋतू में प्यास की अधिकता से मुक्ति दिलाता है तरबूज । इसके सेवन से शरीर में लू का प्रकोप कम होता है और बेचैनी से रक्षा होती है ।
तरबूज के रस में सेंधा नमक और नींबू का रस मिलाकर पीने से लू से सुरक्षा होती है ।
गर्मी के प्रकोप से मूत्रावरोध होने पर तरबूज का रस पिलाने से मूत्र शीघ्र निष्कासित होता है ।
तरबूज के छोटे - छोटे टुकड़ों पर थोडा - सा जीरा चूर्ण और मिश्री डाल के सेवन करने से शरीर की उष्णता दूर होती है ।
धनिया : - धनिया ग्रीष्म ऋतू में अधिक प्यास के प्रकोप को शांत करता है |
10 ग्राम सूखा धनिया व 5 ग्राम आँवला चूर्ण रात को मिटटी के पात्र में 1 गिलास पानी में भिगो दें | प्रात: मसलकर मिश्री मिला के छान के पियें | यह गर्मी के कारण होनेवाले सिरदर्द व मूँह के छालों में हितकर हैं | धनिया पीसकर सिर पर लेप करने से भी आशातीत लाभ होगा | इससे पेशाब की जलन, गर्मी के कारण चक्कर आना तथा उलटी होना आदि समस्याएँ दूर होती हैं ।
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