हे प्रभु आनंद दाता
हे प्रभु ! आनंद दाता !! ज्ञान हमको दीजिये ।
शीघ्र सारे दुर्गुणों को दूर हमसे कीजिये ।।
हे प्रभु…
लीजिये हमको शरण में हम सदाचारी बनें ।
ब्रह्मचारी धर्मरक्षक वीर व्रतधारी बनें ।।
हे प्रभु…
निंदा किसीकी हम किसीसे भूल कर भी न करें ।
ईर्ष्या कभी भी हम किसीसे भूल कर भी न करें ।।
हे प्रभु ………
सत्य बोलें झूठ त्यागें मेल आपस में करें ।
दिव्य जीवन हो हमारा यश तेरा गाया करें ।।
हे प्रभु ………
जाये हमारी आयु हे प्रभु ! लोक के उपकार में ।
हाथ डालें हम कभी न भूलकर अपकार में ।।
हे प्रभु ………
कीजिये हम पर कृपा ऐसी हे परमात्मा ।
मोह मद मत्सर रहित होवे हमारी आत्मा ।।
हे प्रभु ………
प्रेम से हम गुरुजनों की नित्य ही सेवा करें ।
प्रेम से हम संस्कृति की नित्य ही सेवा करें ।।
हे प्रभु…
योगविद्या ब्रह्मविद्या हो अधिक प्यारी हमें ।
ब्रह्मनिष्ठा प्राप्त करके सर्वहितकारी बनें ।।
हे प्रभु…